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मां सरस्वती जी की वंदना




*मां सरस्वती जी की वंदना*

अर्थ भाव शब्द मधु भाषा। प्रिय मोहक अनुपम परिभाषा।।
नीतिपरक न्यायी न्यायोचित। विद्या महा ज्ञान सर्वोचित।।
तामसरहित अनीति विरोधी। मां सरस्वती प्रीति पुरोधी।।
त्रिया प्रिया मधुमास अलौकिक। दिव्य धाम शुभ नाम अभौतिक।।
पावन मंत्र हंस  बुध नायक। देव पुस्तिका दया विनायक।।
ठीक किया करती मां सबको। रोग मुक्त करती तुम जग को।
अद्वितीय शालीन सुधामय। ब्रह्माणी आनंद शिवामय।।
 नुपुर ध्वनित धुन स्वर संगीता। वीण पुनीत रम्य शिव गीता।।
पठनीया ग्रहणीय मनोरम। पूजनीय मां सुंदर अनुपम।।

साहित्यकार डॉक्टर रामबली मिश्र वाराणसी



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3 Comments

Wahhh wahhh Bahut hi सुन्दर सृजन

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Renu

26-Feb-2023 05:16 PM

👍👍

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Haaya meer

26-Feb-2023 04:48 PM

Nice

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